घिरा हुआ था उज्ज्वल गगन
अब उन श्याम घनों से,
बिखर गए थे मोती सारे भारत की अखंड माला के !
कदम रख लिए थे उन्होंने
भारत की पावन धरा पर
प्रारम्भ किया खेल अपना
गोरों ने काली सीरत से !!
छल, कपट, फरेब धोखे पर
दुर्जनों की थी नींव टिकी |
भारत के अनमोल रत्नों पर
शातिर नज़रे थी उनकी गड़ी !
फूट डालो राज करो की
क्रूर नीति थी अपनाई,
हिन्दु-मुस्लिम को भड़काया
थे जो कभी भाई-भाई !
इस सोने की चिड़िया को
यूँ माटी में तब्दील किया !
ऐसा चक्र चलाया कि
सम्पूर्ण राष्ट्र अपने अधीन किया !
बंग-भंग, जलियांवाला बाग
न जाने कितने ऐसे काण्ड किये
पर हमारे वीर जवानों ने
बलिदानों पर बलिदान दिए !!!
अंधकार अब ढलने लगा
आवरण उतरने लगा।
पुनः जागृत हुई मति सबकी,
रगों में बहने लगी अब धारा देशभक्ति की !
अग्नि प्रज्ज्वलित हो चुकी थी
रक्त-रञ्जित चक्षुओं में !
पग अग्रसर हो रहे थे
संग्राम के पथ के प्रति।
ठान लिया भारतियों ने
अब न थमेगी ये गति !
मातृभूमि की रक्षा हेतु
लाखों ने बलिदान दिए।
सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु ने
न्योछावर अपने प्राण किये।
अँगुली पकड़ बापु की हमने
दहलीज़ स्वतंत्रता की पार करी,
एक नए सुहावने कल की
हमने भी शुरुआत करी।
खिल गयी कलियाँ प्यारी
आज़ादी की खबर सुनकर !
जी उठी धरती सारी
भारतमाँ का जयघोष कर !
आरम्भ हुई एक नई दास्तां
शहीदों के बलिदान से,
आज़ाद हुआ हमारा हिंदुस्तान
तिरंगा फहराया शान से !!!
तिरंगा फहराया शान से !!!
-भव्या मल्होत्रा
13-08-2017
Happy independence day! And amazing poem!
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Same to you dear and thanks a lot!!! ❤
Jai Hind. 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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⚘🌻🙋♂️🌷🍀
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Is this a code that I’ve to crack or kind of an open bouquet? 😂
Jokes apart, Thank you!
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Simple heartfelt wishes to the celebrations and to you and all around you with my greetings.
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Thanks with a SMILE! 😊😃❤
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You are most welcome . Happy time and good days.cheers ⚘
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Cheers! Thanks! 😊
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🌷🍀
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bhavya , its great इतनी कम उम्र में कमाल की रचना है.
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Thank you so much, Sir!
I hope I could gain my momentum again. 😀
Thanks, again. 🙏
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Jay hind !
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Jai Hind! 🙂
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